प्रधानाचार्य का संदेश

“Expanding like the petals of young flowers,

I watch the gentle opening of your minds,

And the sweet loosening of the spell that binds,

Your intellectual energies and powers,

That stretch (like young birds in Soft summer hours)

their Wings to try their strength.”


मेरा व समस्त शिक्षक साथियों का पूर्ण प्रयास रहेगा कि विद्यालय के अंदर समस्त छात्र छात्राएँ उत्तम स्तर कि शिक्षा प्राप्त करें और विद्यालय व इस क्षेत्र का नाम निरन्तर रोशन करतें रहें जिससे विद्यालय का गौरव बना रहे |


शास्त्रों में कहा गया है -

“ काक चेष्टा बको ध्यानं श्वान निद्रा तथैव च

अल्पाहारी गिरी त्यागी विद्यार्थी पंचलक्षणम्”

अर्थात कौवे जैसी चपलता, बगुले जैसा ध्यान, कुत्ते जैसी नींद जो जरा सी आहट में खुल जाए, हल्का सीमित व संतुलित आहार लेना यह आदर्श विद्यार्थी के पांच लक्षण है | इसके अतिरिक्त विद्यार्थी को विनम्र होना चाहिए कहा भी गया है कि – “विद्या ददाति विनियम” अर्थात विद्यार्थी को सर्वप्रथम विनम्र एवं शिष्ट होना चाहिए |

मुझे एक अप्रैल 2019 से प्रधानाचार्य पद का कार्य भार सौंपा गया है, मैं अपनी तरफ से सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मैं विद्यालय का पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ विकास करने का अथक प्रयास करूंगा | इसके साथ ही छात्र छात्राओं की शिक्षा एवं अनुशासन को उच्च स्तर पर ले जाने का प्रयास करूंगा | अतः मैं क्षेत्रवासियों व अभिवावकों से भी इस विद्यालय के संपूर्ण विकास एवं छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य को बनाने के लिए सहयोग की अपेक्षा करूंगा |

मैं अपने विद्यालय प्रबंध समिति, शिक्षक शिक्षिकाओं व शिक्ष्णेत्तर कर्मचारियों से पूर्ण सहयोग की अपील करता हूं |

शुभकामनाओं के साथ मैं सभी के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं |

इति शुभम, धन्यवाद

श्री महीपाल सिंह
प्रधानाचार्य - नेहरू स्मारक विद्यालय इण्टर कॉलेज, सुराना, गाज़ियाबाद